रविवार, 7 जून 2020

एक साथ 25 स्कूलों में नौकरी करने वाली शिक्षिका अनानिका शुक्ल गिरफ्तार

एक साथ 25 स्कूलों में नौकरी करने वाली शिक्षिका अनानिका शुक्ल गिरफ्तार....





कासगंज पुलिस ने उस कथित शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया है, जिस पर एक साथ 25 जिलों के स्कूलों में नौकरी करने का आरोप है. यह शिक्षिका कथित तौर पर अबतक सरकारी खजाने को 1 करोड़ रुपये की चपत लगा चुकी है.

उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में एक साथ पढ़ाने वाली फर्जी टीचर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसे कासगंज में बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) के दफ्तर से गिरफ्तार किया गया. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. इस शिक्षिका के खिलाफ बीएसए ने मुकदमा दर्ज कराया था.

गिरफ्तारी के बाद शिक्षिका अनामिका शुक्ल से पूछताछ करती पुलिस.
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षिका की नौकरी करने वाली अनामिका शुक्ल को शनिवार को कासगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया. वो यहां फरीदपुर के कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में शिक्षिका के पद पर तैनात है.
पूछताछ में उसने खुद को कायमगंज, फर्रुखाबाद की निवासी बताया है. इस मामले में बीएसए ने सोरों कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. वहीं जिलाधिकारी ने इस संबंध में एक रिपोर्ट शासन को भेजी है.
शासन की रिपोर्ट
शासन ने कासगंज जिला प्रशासन से अनामिका शुक्ल पुत्री सुभाष चंद्र शुक्ल के जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी करने संबंधी सूचना मांगी थी.
वहीं मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) अलीगढ़ ने भी इस संबंध में बीएसए से जांच रिपोर्ट मांगी थी. बीएसए ने अनामिका शुक्ल नाम की शिक्षिका के बारे में जानकारी की तो पता चला कि फरीदपुर कस्तूरबा गांधी आवासी विद्यालय में इस नाम की विज्ञान की शिक्षिका कार्यरत है. उसे एक नोटिस देकर उसकी नियुक्ति संबंधी स्पष्टीकरण मांगा गया.
शनिवार को नोटिस को देखकर शिक्षिका घबरा गई. वह अपना इस्तीका और जवाब दाखिल करने एक पड़ोसी युवक संजय के साथ दोपहर बाद बीएसए ऑफिस पहुंची. ये सूचना बीएसए ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को दे दी. इस पर सीओ सिटी आरके सिंह और सोरों कोतवाली पुलिस बीएसए ऑफिस पहुंच गई. पुलिस उसे हिरासत में लेकर कोतवाली ले गई. उससे कई दौर में पूछताछ की और उसकी नियुक्ति व दस्तावेजों के संबंध में जानकारियां जुटाई.
पुलिस से हुई पूछताछ में उसने अपना नाम अनामिका शुक्ल निवासी नई बस्ती कायमगंज फर्रुखाबाद बताया है.

अनामिका शुक्ल.
कासगंज के जिलाधिकारी चन्द्रप्रकाश सिंह ने पत्रकारों को बताया कि शासन से अनामिका शुक्ल नाम की फर्जी शिक्षिका के बारे में जानकारी मांगी थी. पता चला है कि इस नाम की शिक्षिका के दस्तावेज से प्रदेश के अन्य जनपदों में शिक्षिकाएं नौकरी प्राप्त कर चुकी हैं.
कासगंज में 2018 में नियुक्ति हुई अनामिका शुक्ल नाम से फर्जी नौकरी करने वाली शिक्षिका को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस पूछताछ कर और जानकारी जुटा रही है.
उत्तर प्रदेश का बेसिक शिक्षा विभाग अपने शिक्षकों का डेटाबेस तैयार कर रहा है. इस दौरान ही यह मामला सामने आया. इसमें पाया गया कि एक ही शिक्षक को उत्तर प्रदेश के जिलों में 25 विभिन्न स्कूलों में नियोजित किया गया था.
अनामिका शुक्ल, केजीबीवी में काम करने वाली पूर्णकालिक शिक्षिका थी, एक साथ 25 स्कूलों में कार्यरत थीं. वह अमेठी, अंबेडकरनगर, रायबरेली, प्रयागराज, अलीगढ़ और अन्य जिलों में एक शिक्षिका के रूप में पंजीकृत थी.

गिरफ्तारी के बाद शिक्षिका अनामिका शुक्ल से पूछताछ करती पुलिस.
एक डिजिटल डेटाबेस के बावजूद, वह इस साल फरवरी तक 13 महीने के लिए धोखाधड़ी कर शिक्षा विभाग से करीब 1 करोड़ रुपये का वेतन निकालने में सफल रही. अनामिका शुक्ल विभाग के पास उपलब्ध रिकॉर्ड के मुताबिक मैनपुरी जिले की मूल निवासी है. फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद उसका वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है. शिक्षा विभाग यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या विभिन्न स्कूलों के वेतन हस्तांतरण के लिए उसी बैंक खाते का उपयोग किया गया था.

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